Aadhaar Card में कितनी बार बदल सकते हैं नाम, पता और डेट ऑफ बर्थ ? जानिए UIDAI की क्या है तय सीमा नेशनल डेस्क : आधार कार्ड भारतीय नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। कई बार इसमें नाम, जेंडर या पते में त्रुटियां हो जाती हैं। UIDAI ने इन बदलावों के लिए कुछ नियम बनाए हैं। आइए जानते हैं कि आधार कार्ड में नाम और एड्रेस में कितनी बार और कैसे बदलाव किया जा सकता है। एड्रेस में बदलाव बदलने की संख्या: आधार कार्ड में एड्रेस बदलने की कोई सीमा नहीं है। आप कितनी भी बार अपना एड्रेस अपडेट करा सकते हैं। बदलाव की प्रक्रिया: UIDAI की वेबसाइट पर जाएं और फॉर्म डाउनलोड करें। नजदीकी आधार केंद्र पर जाकर फॉर्म भरें और जमा करें। आवश्यक दस्तावेज जैसे पहचान पत्र प्रस्तुत करें। 50 रुपये का शुल्क अदा करें। बायोमेट्रिक प्रक्रिया पूरी करें (फिंगरप्रिंट और आईरिस स्कैन)। अपडेट की एक स्लिप प्राप्त करें। नाम में बदलाव बदलने की संख्या: नाम में बदलाव केवल दो बार किया जा सकता है। यदि कोई विशेष परिस्थिति है, तो UIDAI की क्षेत्रीय शाखा से अनुमति प्राप्त की जा सकती है। बदलाव की प्रक्रिया: पहले और दूसरे बदलाव क...
पश्चिम बंगाल की एक बांग्लादेशी मुस्लिम महिला जो कभी कलकत्ता नही देखी वहाँ कि ग्राम प्रधान बन जाती है। कोर्ट मे पूछने पर online आय प्रमाण पत्र, वोटर कार्ड, आधार कार्ड बनवा देती है। *कोर्ट द्वारा फटकार सुनिये।* *पूरी संसद,पूरी न्याय व्यवस्था,पूरा देश जानता है कि इस गजवा ए हिंद योजना द्वारा देश की 145 करोड़ योजना को भयंकर गृह युद्ध मे धकेलने की योजना का मुख्य एकमात्र किरदार "ममता बनर्जी" है।* *सब जानते हैं,भयंकर तम दुष्प्रभाव जानते हैं ,पर संविधान नपुंशक है।* *ममता बैनर्जी की सबसे बड़ी सहयोगी कांग्रेस, वामपंथ, सम्पूर्ण विपक्ष,नेहरू का संविधान और "राक्षस संस्कृति" है,जिसे "धर्म की मान्यता" प्राप्त है।* *संविधान को बाबा साहब के नाम से प्रचारित किया गया,पर पीछे पूरा शातिर गजवा ए हिंद योजना के साथ नेहरू था।* *क्या 100 करोड़ हिंदू जनता,ईश्वरीय कल्याणात्मक सिद्धांत को मानने वाली ,वसुधैव कुटुम्बकम का लक्ष्य रखने वाली एकमात्र ईश्वर प्रदत्त धर्म- संस्कृति समाप्त हो जायेगी तब विध्वंसक/नपुंशक संविधान मे बदलाव हो पायेगा?* *वो भी नहीं बचेंगे ,जो संविधान का रट लगाये...