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जुड़वां बहनों ने एक ही युवक से रचाई शादी, क्या ये क़ानूनन मुमकिन है ?

 


महाराष्ट्र के सोलापुर में एक युवक की जुड़वां बहनों से शादी ख़ूब सुर्ख़ियाँ बटोर रही है. लेकिन अब ये शादी क़ानूनी शिकंजे में भी फँस गई है.

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकणकर ने इस मामले में क़ानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

रूपाली चाकणकर ने ट्वीट कर कहा- सोलापुर में एक युवक ने मुंबई की जुड़वां बहनों से शादी की है. ये भारतीय दंड संहिता की धारा 494 के तहत एक अपराध है. हालाँकि सोलापुर के पुलिस अधीक्षक को इस मामले की जाँच करनी चाहिए और तुरंत क़ानूनी कार्रवाई करनी चाहिए. साथ ही कार्रवाई की रिपोर्ट महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग अधिनियम 1993 की धाराओं के तहत तुरंत पेश की जानी चाहिए.


सोलापुर के अकलुज इलाक़े में एक युवक ने एक ही मंडप में मुंबई की दो जुड़वां बहनों से शादी कर ली है.


इस शादी की तस्वीरें और वीडियो ख़ूब वायरल हो रहे हैं.


हालाँकि कई लोग ये सवाल भी उठा रहे हैं कि क्या भारत में दो शादियाँ संभव हैं, क्या दो शादियों को क़ानूनन इजाज़त है?


शादी कैसी रही?


यह शादी कैसे संपन्न हुई, इसकी जानकारी अकलुज थाने के एसएचओ अरुण सुगावकर ने दी.

अरुण सुगावकर ने बताया, "मुंबई की जुड़वां बहनों पिंकी और रिंकी की शादी अतुल से हुई. जुड़वां होने के कारण वे दोनों एक जैसी दिखती हैं. उन्होंने बचपन से ही शादी करने और एक ही घर में रहने का फ़ैसला कर लिया था."


सुगावकर ने कहा, "दोनों ने बहुत पहले एक ही युवक से शादी करने का फ़ैसला किया था. उनके परिजनों ने शादी को मंज़ूरी दे दी थी."


शादी सोलापुर ज़िले के अकलुज में जामापुर रोड पर गलांडे होटल में हुई.


अतुल का पैतृक गाँव मालशीरस है. उनका मुंबई में ट्रैवल का कारोबार है.


दूसरी ओर रिंकी और पिंकी आईटी इंजीनियर हैं. दोनों अपनी माँ के साथ रहती थीं. तभी अतुल की इन दोनों से जान-पहचान हो गई.


फिर पहचान प्यार में बदल गई. एक बार जब पडगांवकर परिवार की माँ और दोनों बेटियाँ बीमार पड़ गईं तो अतुल उन्हें अपनी कार से अस्पताल ले जाते थे.


जब अतुल ने पडगांवकर परिवार की बीमारी के दौरान देखभाल की बीच उनके बीच नज़दीकियाँ बढ़ती चली गईं.


होटल के मालिक ने की पुष्टि


शादी की पुष्टि के लिए बीबीसी मराठी ने अकलुज में होटल गलांडे के मालिक नाना गलांडे से फ़ोन पर संपर्क किया.


नाना गलांडे ने स्वीकार किया कि ये विवाह उनके होटल में हुआ.


इस बारे में और जानकारी देते हुए नाना गलांडे ने कहा- ''शादी शुक्रवार, 2 दिसंबर की दोपहर हमारे होटल में हुई थी. शादी समारोह आयोजित करने के लिए उन्होंने सबसे पहले हमसे संपर्क किया था. उस समय हम भी हैरान रह गए थे.''


उन्होंने बताया कि शादी की योजना बनाने के बाद एक होटल मालिक के तौर पर उन्होंने सबसे पहले लड़कियों से बात की.


नाना गलांडे ने बताया, ''दोनों बच्चियाँ काफ़ी पढ़ी-लिखी हैं. लड़कियों ने कहा कि उन्होंने मिलकर अपनी मर्ज़ी से इस लड़के से शादी करने का फ़ैसला किया है. अंत में, यह सुनिश्चित करने के बाद कि वे दोनों तैयार हैं, मैंने उनसे आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य विवरण लिए. उसके बाद, शादी हमारे होटल में होने दी गई.''


मामला दर्ज


शादी के बाद सोशल मीडिया पर तरह-तरह के रिऐक्शन आए और एक युवक ने इसकी शिकायत अकलुज के थाने में दर्ज करा दी.


इस बात की जानकारी अकलुज थाने के एसएचओ अरुण सुगावकर ने दी है.


अतुल उत्तम अवताड़े ने 2 दिसंबर को अकलुज में जुड़वां लड़कियों रिंकी मिलिंद पडगांवकर और पिंकी मिलिंद पडगांवकर से शादी की.


राहुल फुले नाम के इस लड़के के ख़िलाफ़ अकलुज थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 494 के तहत शिकायत दर्ज कराई गई है.


यह पूछे जाने पर कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई की जाएगी, सुगावकर ने कहा- हम मामले की जाँच कर रहे हैं. उसके बाद ही इस पर कोई टिप्पणी करना उचित होगा.


बीबीसी मराठी ने सदर अतुल अवताड़े से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन अभी तक संपर्क नहीं हो सका है.


क़ानून क्या कहता है?


भारतीय दंड संहिता 494 के अनुसार, पति या पत्नी के जीवित रहते दूसरा विवाह नहीं किया जा सकता है.


अगर पति या पत्नी के जीवित रहते हुए पति-पत्नी में से कोई एक दूसरे से शादी कर लेता है तो उस विवाह को क़ानूनी मान्यता नहीं दी जाती है.


ऐसा होने पर दोबारा शादी करने वाले पति या पत्नी को सात साल तक की क़ैद और जुर्माना हो सकता है.


बीबीसी मराठी ने पिछले दिनों ऐसे ही एक मामले में वकील दिलीप तौर से बात की थी.


उन्होंने प्रिवेंशन ऑफ़ बाइगैमी अधिनियम के बारे में जानकारी देते हुए कहा, "बॉम्बे प्रिवेंशन ऑफ़ हिंदू बाइगैमी ऐक्ट 1946 के अनुसार एक हिंदू विवाहित व्यक्ति अपनी पहली पत्नी को तलाक़ दिए बिना दूसरी पत्नी से शादी नहीं कर सकता है. सिख धर्म, ईसाई धर्म, पारसी और जैन धर्म के विवाह संबंधी क़ानून में ऐसे ही प्रावधान हैं.


अकलुज मामले को समझने के लिए बीबीसी मराठी ने वरिष्ठ वकील असीम सरोदे से संपर्क किया.


उन्होंने बताया कि अगर दोनों पत्नियाँ स्वेच्छा से रहती हैं तो यह अपराध नहीं है.


उनका कहना है, ''भारत में द्विविवाह के ख़िलाफ़ क़ानून है. लेकिन अगर दोनों पत्नियाँ स्वेच्छा से और अपनी सहमति से साथ रह रही हैं तो यह कोई अपराध नहीं है क्योंकि देश के कई हिस्सों में दो विवाह की प्रथा देखी जाती है. लड़कियाँ एक पति के साथ रहने को तैयार हैं, दूसरे लोग इसके बारे में कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकते.''


आसिम सरोदे कहते हैं कि क़ानूनी पत्नी होते हुए दूसरी महिला से वैवाहिक संबंध बनाने के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज करा सकती है

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